सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट……
बांदा ।करतल–जहाँ एक ओर शासन प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को अपनी पंचायत के कार्यों का निस्तारण पंचायत में ही करने के लिए अधिकतर ग्राम पंचायतों में जनसेवा केंद्रों का निर्माण लाखों रुपए खर्च कर कराते हुये इसमें पंचायत से संबंधित अधिकारियों को ग्रामीणों की कागजीय समस्याओं का पंचायत में ही निस्तारण करने के लिए सभी को समयानुसार पंचायत में उपस्थित रह कर ग्रामीणों की समस्या को दूर करने के लिए निर्देशित किया गया था लेकिन वहीं कस्बा करतल जोकि एक न्याय पंचायत भी है जोकई छोटे छोटे मजरों से जुड़ी लगभग 6 ग्राम पंचायतों की न्याय पंचायत है जिसमें लाखो की लागत से बना जनसेवा केंद्र वर्तमान में सफेद हाथी साबित हो रहा है यहाँ पर ग्रामीणों के परिवार का ब्यौरा दर्शाने वाला महत्वपूर्ण परिवार रजिस्टर जोकि आम लोगों के जरूरत का आवश्यक दस्तावेज माना जाता है पंचायत सचिव द्वारा ग्राम पंचायत करतल के परिवार रजिस्टर को कमाई का जरिया बना दिया गया है जिसमें स्थानीय सचिव जिन्हें इस न्याय पंचायत से जुड़ी लगभग 6 ग्राम पंचायतों का कार्यभार सौंपा गया है जिनके परिवार रजिस्टरों को नरैनी में एक प्राइवेट व्यक्ति के हाथों थमा कर अवैध वसूली खुलेआम की जा रही है ग्रामीणों का आरोप है जब परिवार रजिस्टर की नकल की आवश्यकता होती है तो उन्हें सबसे पहले 30 किलोमीटर नरैनी जाना पड़ता है जिससे आर्थिक खर्च के साथ साथ समय की बर्बादी होती है और किसी तरह वहाँ पहुंचने के बाद नकल प्राप्त करने के लिए आग्रह करने पर सचिव द्वारा नियुक्त गैर सरकारी कर्मचारी द्वारा लाभार्थी के साथअभद्र व्यवहार करने के अलावा ग्रामीणों से नकल बनाकर देने हेतु सौ दो सौ की खुलेआम मांग कर अवैध धन वसूली की जा रही है जबकि ग्रामीणों का कहना है की वर्षों पहले से ही परिवार रजिस्टर गांव के पंचायत भवन में रहता था जिससे लोगों को परेशानी से निजात मिलती थी लेकिन अवैध वसूली के चलते सचिव के द्वारा नरैनी में रख दिया गया है जिसके चलते लोगों के साथ बेखौफ लूट का कारोबार सरेआम चल रहा है ग्रामीणों का जिलाधिकारी से अपील है की निरंतर हो रही इस अवैध वसूली से निजात दिलाते हुये संबंधित भ्रषटाचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करते हुये ग्रामीणों की इस भीषण समस्या का निस्तारण किया जाये ताकि लोगों को होने वाली इन परेशानियों से छुटकारा मिल सके!