सन्तोष कुमार सोनी की रिपोर्ट–
करतल– जहाँ एक ओर शासन प्रशासन किसानों की फसलें बचाने एवं गौवंशों के पेट की आग बुझाने हेतु सड़कों पर घूम रहे अन्ना गौवंशों के संरक्षण हेतु गौशालाएं स्थापित कराने के साथ साथ गौवंशों के खान पान का खयाल रखते हुये ग्राम पंचायतों में गौशाला संचालकों को विधिवत धन मुहैया कराने हेतु संकल्पित है वहीं दूसरी ओर अभी भी जनपद में संचालित कई गौशाला संचालकों की लापरवाही से अन्ना पशुओं के झुण्ड के झुण्ड सड़कों, खेत खलिहानों एवं बस्तियों में इस भीषण ठण्ड में सिकुड़ते देखने को मिल रहे हैं जिससे आज भी जिम्मेदारों के नकारापन से आये दिन दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है किन्तु गौशालाओं में भूख प्यास एवं ठण्ड से असमय काल के गाल में समा रहे गौवंशों की संख्याओं को छिपाकर गौशाला संचालकों द्वारा अवैध धन कमाने की बाढ़ सी आ गयी है तथा जांचकर्ताओं को चंद समय के लिये गौशाला संचालन में लागू सम्पूर्ण ब्यवस्थायें दिखाकर उन्हें गुमराह कर वाहवाही लूटने का कार्य किया जा रहा है जबकि अभी भी शाम ढलते ही दर्जनों गौवंश भोजन की तलाश में भटकते नजर आ रहे हैं तथा खुद को ठण्ड से बचाने हेतु बस्तियों में जलते अलावों का सहारा लेकर बमुस्किल अपनी जिंदगी काट रहे हैं!शायद यही हकीकत भी है!