फैमिली आईडी प्राथमिकता पर बनाए जाने हेतु दिए निर्देश

राज्य

 

विष्णु चतुर्वेदी वरिष्ठ पत्रकार 

उरई।      जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने वर्चुअल बैठक आयोजित कर फैमिली आईडी प्राथमिकता पर बनाए जाने हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस योजना के तहत, सरकार प्रत्येक परिवार को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करेगी, जिससे राज्य में परिवार इकाइयों का एक व्यापक और लाइव डेटाबेस स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पात्र परिवारों को सरकारी लाभों का सक्रिय वितरण सुनिश्चित करना है। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे 30 अक्टूबर तक पांच-पांच हजार फैमिली आईडी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया।
इसके अलावा, उप कृषि निदेशक को लगभग 37,000 किसानों की फैमिली आईडी बनाने का निर्देश दिया गया है, जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी को 3,035 पेंशन धारकों—जिसमें वृद्धा, दिव्यांग, और निराश्रित पेंशन लाभार्थी शामिल हैं—की फैमिली आईडी बनाने का कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे कोटेदारों के माध्यम से उन व्यक्तियों की फैमिली आईडी बनाएं, जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में फैमिली आईडी बनाने के लिए जिला पंचायत राज्य अधिकारी को सर्वे कराना सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि आधार प्रमाणित राशन कार्ड धारकों के लिए उनका राशन कार्ड नंबर ही परिवार आईडी के रूप में कार्य करेगा। इसके साथ ही, पंजीकरण पोर्टल का उपयोग करके ऐसे परिवार अपनी जानकारी चेक कर सकेंगे। यह पोर्टल उन परिवारों को 12 अंकों की विशिष्ट परिवार आईडी प्रदान करेगा, जो राशन कार्ड धारक नहीं हैं। परिवार रजिस्ट्रेशन के लिए सभी सदस्यों का आधार कार्ड होना अनिवार्य है। इसके अलावा, सभी सदस्यों का मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए, ताकि e-KYC प्रक्रिया ओटीपी के माध्यम से की जा सके।जिलाधिकारी ने कहा कि जिन परिवारों के पास राशन कार्ड उपलब्ध है, उनकी राशन कार्ड संख्या ही फैमिली आईडी होगी, और उन्हें अलग से फैमिली आईडी बनाने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे परिवार रजिस्ट्रेशन के बाद आधार संख्या डालकर फैमिली आईडी डाउनलोड कर सकते हैं। फैमिली आईडी का नामांकन स्वैच्छिक है, लेकिन यह लाभार्थियों की पहचान के माध्यम से सरकारी योजनाओं और सेवाओं के सक्रिय वितरण को सक्षम बनाएगा। इससे नागरिकों की सरकारी प्रणालियों तक पहुंच में भी सुधार होगा।फैमिली आईडी निर्माण प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे समाज के सभी वर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। यह कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि सरकारी सेवाओं के वितरण में भी सुधार लाएगा।

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