शिव शर्मा की रिपोर्ट
छुईखदान — गणपति बप्पा मोरया की गूंज शहर में गूंजना शुरू हो गया है। सिद्धि विनायक, एकदंत, बप्पा, विघ्नहर्ता न जाने कितने रुपों में भक्तों पर कृपा बरसाने को गौरी पुत्र गणेश शनिवार को पंडालों और लोगों के घरों में विराजेंगे। मिठाइयों की दुकानों पर भी बप्पा के सबसे प्रिय मिष्ठान मोदक भी बनने शुरू हो गए हैं, जिनकी खरीदारी भी शुरू हो गई। शहर में करीब 15 से अधिक पंडालों में 11 दिनों तक भक्तों को प्रभु दर्शन देंगे।
12वें दिन गणपति प्रतिमा का विसर्जन धूमधाम किया जाएगा। इस समय शहर में गणेश उत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रही है। जगह-जगह गणेश प्रतिमाएं पंडालों में सजाने के लिए पंडाल लगाने की तैयारी की जा रही है। भगवान गणेश के आगमन पर , सप्ताहिक बाजार, जय स्तंभ चौक, टिकरीपारा, कड़रा पारा आदि स्थानों पर भव्य मंडप सजाने की तैयारी की जा रही हैं,
*भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है गणेश चतुर्थी*
सभी देवों में प्रथम पूजनीय के साथ विद्या, बुद्धि के दाता, विघ्न विनायक, रिद्धि दायक मंगलकारी के रूप पूजा जाता है। प्रखर महाराज ने बताया कि भगवान गणेश की पूजा करने व उन्हें प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन गणेश चतुर्थी का माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन गणपति बप्पा विराजमान रहेगें और 1 दिन, 3, 5, 7 दिन या 10 दिन तक पूजन करते हैं और भगवान गणेश की कृपा से रिद्धि सिद्धि एवं सुख शांति प्राप्त होती है। इस दिन लाल और पीले वस्त्र पहन कर पूजन करना चाहिए। पंडित जी ने बताया कि इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए। इस दिन चंद्रमा को देखने से कलंक लगता है।