पाली रेंजर ने गटक ली  डेढ़ करोड़  की राशि,  साथ मै डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड के भी हाथ काले

राज्य

  शिव  शर्मा की रिपोर्ट

*कोरबा/कटघोरा:-।      कोरबा  जिले के कटघोरा वनमंडल में पदस्थ  भ्रष्टाचार मै लिप्त  अधिकारी – कर्मचारियों द्वारा जंगल मे खुले आम भ्रष्ट्राचार किया  जा रहा है और यह वनमंडल उनके लिए चारागाह बन गया हैं। ऐसे ही पाली रेंज में स्वीकृत तीन तालाबो में एक तालाब का खनन आधी राशि से कराकर अन्य दो तालाब का निर्माण कागजों में कराकर रेंजर, डिप्टी रेंजर व बीट  गार्ड आदि   सभी ने मिलजुल कर लाखों रुपए की राशि गटक ली ।

वैसे तो कटघोरा वन मंडल परिक्षेत्रों में मामले अक्सर उजागर होते रहे हैं। कालांतर में हुए घोटाले की फाइल तो दबाई जाती रही है वहीं पौधरोपण, बोर खनन घोटाला की जांच के नाम पर लीपापोती एसडीओ स्तर के अधिकारी भी कर रहे हैं। ताजा तरीन मामला पाली वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुरली बीट के जंगल का उजागर हुआ है। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि वित्तीय वर्ष में मुरली के जंगल में तीन तालाबों के निर्माण/खनन की स्वीकृति मिली थी। वन्यप्राणियों के लिए तीन अलग- अलग जगह पर तालाब खोदे जाने थे लेकिन 45 से 50 लाख के लगभग की राशि वाले इन तीन तालाबों को खोदने की बजाय मात्र एक तालाब का खनन आधी राशि खर्च कर कराया गया और दो तालाब कागज में ही बना दिए गए। इस घपले में पाली रेंजर संजय लकड़ा की भूमिका पूरी तरह से संदेहास्पद बनी हुई है तो उनके इस कार्य को कराने में डिप्टी रेंजर रूद्र राठौर और बीट गार्ड सुशीला बिन्ध्यराज ने साथ दिया है। रूद्र राठौर तबादला हो चुके हैं और बीट गार्ड हाल की परीक्षा में सफल होने के बाद रिजाइन की तैयारी मैं हैं। विश्वासी सूत्र की मानें तो इन तीनों की मिलीभगत से करीब एक करोड़ रुपए की चपत कागजों में तालाब बनाकर विभाग और सरकार को लगाई गई व राशि आहरण कर बन्दरबांट कर ली गई। आवश्यकता है कि तालाब निर्माण की जांच गंभीरता से कराई जाए, ताकि इस बात की हकीकत सामने आ सके कि मुरली बीट के जंगल में तीन तालाब कहां- कहां खोदे गए हैं या सिर्फ एक ही तालाब अस्तित्व में आया है। वैसे पाली रेंजर ने दो और बड़े कारनामे कर विभाग व सरकार के लाखों रुपये गबन किये हैं, जिन्हें आगामी दिनों में उजागर किया जाएगा।

 

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