अनिल राजपूत की रिपोर्ट
नगरी- धमतरी जिले के नगरी विकास खंड के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांकरा के प्राचार्य ने स्थानीय मद, विज्ञान,क्रीडा एवं अन्य मद की राशि को जनभागीदारी एवं विकास समिति के बिना प्रस्ताव के खर्च करने का मामला सामने आया है
जबकि शासन के नियमानुसार पांच हजार रुपए से अधिक के राशि खर्च करने पर जन भागीदारी एवं विकास समिति का अनुमोदन अनिवार्य है तथा शासकीय राशि का व्यय क्रय समिति के माध्यम से किया जाना है लेकिन प्राचार्य ने इस नियमों का उलंघन किया है,अधिकांश राशि का व्यय केवल स्टेशनरी एवं सीसी टीवी कैमरा में खर्च किया गया है, गौर करने वाली बात है कि मॉनिटर व टीवी शासकीय प्रदाय से है फिर भी 51670 रुपए व्यय किया गया है जो इस फर्जीवाड़े को उजागर करता है,
इस प्रकार शासकीय व स्थानीय मद की अधिकांश राशि का व्यय स्वयं प्राचार्य के द्वारा मनमाने ढंग से किया गया है, जो प्राचार्य के अधिकार क्षेत्र से बाहर है,जनभागीदारी, विकास समिति, एवं क्रय समिति के बिना अनुमोदन के व्यय किया जाना अवैधानिक और नियमों के विरुद्ध है,।
उपरोक्त जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिले आंकड़ों से वर्ष 2021-22 में शासकीय एवं स्थानीय मद से 7.95.765 रु कुल राशि इसी तरह वर्ष 2022-23 में 7.91.55 रुपए कुल टोटल राशि 15.86.820 रूपया होता है जिसमें से 5.80.490 रु खर्च किया गया है उपरोक्त जानकारी जन भागीदारी विकास समिति के प्रस्ताव व अनुमोदन के आधार पर व्यय की गई है, लेकिन शेष राशि 10.6.333 रुपए की हेराफेरी कर भ्रष्टाचार किया गया है, शिक्षा जगत में प्राचार्य द्वारा किया गया यह आर्थिक भ्रष्टाचार बहुत निंदनीय है। उच्च अधिकारियों को इस प्रकरण में दोषी एवम भ्रष्ट प्राचार्य के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है।