आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा । भ्रष्टाचार का अड्डा बना नरैनी कस्बे का डाक घर, उप डाक घर में कई वर्षो से प्राइवेट कर्मी की आड़ में हर महीने लाखो रुपए के गबन किए जाने का मामला सुर्खियों में है। क्षेत्रीय ग्रामीणों से जमा के नाम पर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से लाखो रुपए उस प्राइवेट कर्मी डकारे जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
नरैनी कस्बे के अतर्रा मार्ग में मौजूद उप डाक घर खुलेआम भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। यहा पर काम के नाम पर लोगो को सिर्फ भटकाने का कार्य हो रहा है। कई बार तमाम खाता धारकों को फर्जी दस्तावेज पकड़ा कर फ्राड करने का कार्य भी हो रहा है। ग्रामीणों की गाढ़ी कमाई गबन करके भ्रष्टचार के भेट चढ़ा दी जाती है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार डाक घर में काम करने वाले कर्मियों के खिलाफ गबन के आरोप लगाए गए , लेकिन अभी तक दोषी लोगो के विरुद्ध कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई।डाक घर में मौजूद प्राइवेट कर्मी पुरुषोत्तम नामदेव लोगो का खुलेआम शोषण कर रहा है। इसी आड़ में तैनात पोस्टमास्टर तथा अन्य डाक कर्मी भी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे है। इस डाक घर में ही कुछ समय पहले ग्रामीणों की जमा की गई धन राशि को खाते में न पाकर लोग भड़क गए। उनसे धनराशि जमा करा ली गई, लेकिन खाते में पोस्ट नही किया गया।जब लोग अपनी जमा पूजी के बारे में जानकारी करने पहुंचे तो उन्हें सिस्टम और कर्मचारियों के न होने की बात कह वर्षो टहलाया गया।जब लोगो ने इसका विरोध शुरू किया तो प्राइवेट कर्मी पुरुषोत्तम नामदेव की बली देकर घूस खोरी और भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी कर्मी बच निकले।इसमें तमाम क्षेत्रीय ग्रामीणों का धन का लेखा जोखा न होने की बात कहकर गबन कर लिया गया।डाक घर में आज भी वही रवय्या कायम है।डाक विभाग द्वारा संचालित
एफ डी ,आर डी , डिपॉजिट अकाउंट, सेविंग अकाउंट,सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम अकाउंट, पब्लिक प्रौविडंट फंड या पीपीएफ अकाउंट, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि अकाउंट आदि में खुलेआम अनिमित्ता की जा रही है।कस्बे सहित क्षेत्र के रहने वाले जितेंद्र मिश्रा, प्रद्युमन दिवेदी,शशि प्रकाश तिवारी,धनीराम वर्मा,रामबाबू चौरसिया,बुद्धि विलास चौरसिया,आदि लोगो ने डाक घर में खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग की है।