राजेश द्विवेदी
रायबरेली। नगर पालिका परिषद रायबरेली में बैकलॉग कर्मचारी यो को लेकर लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है । यहां यह भी बताते चले की स्थानीय निकाय उत्तर प्रदेश के निदेशक डॉक्टर काजल ने मुख्यमंत्री ऑनलाइन संदर्भ संख्या 600018012735 5 दिनांक 19/ 12 /2018 को अपने एक पत्र में लिखा था कि इस शिकायत से यह संज्ञान में आया है कि नगर निकायो में कार्यरत कर्मचारियों से उनके मूल पद से उच्च पद पर कार्य लिया जा रहा है । जिसके लिए नगर निकाय में कार्यरत कर्मचारियों से उनके मूल पद से उच्च पद पर कार्य न लिए जाने का दिशा निर्देश भी उन्होंने दिया था और 2018 के इस आदेश को उन्होंने समस्त जिला अधिकारी समस्त नगर पालिका अध्यक्ष के साथ-साथ विशेष सचिव नगर विकास विभाग को भेजा था । यही नहीं आरसी लखचौरा जूनियर प्रोग्रामर, स्थानीय निकाय निदेशालय उत्तर प्रदेश को इस आदेश पत्र को निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड करने हेतु भी भेजा था। लेकिन उसके बाद भी अभी तक नगर पालिका परिषद अपने बैकलाग कर्मचारियों से मनमाने पद पर कार्य करवा रही है। इस संबंध में 25/8/ 2023 को मंडल आयुक्त को भी एक पत्र दिया गया था। जिसमें उत्तर प्रदेश के सफाई मजदूर संघ जिला इकाई रायबरेली द्वारा वर्ष 2006 में सरकार की मंशा के अनुरूप नगर पालिका में सफाई कर्मचारियों के पद पर नियुक्त किए गए ओबीसी बैकलाग कर्मियो के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें जिला महासचिव विनय सुदर्शन ने बताया था कि नगर पालिका परिषद सन 2006 में बैकलॉग ओबीसी के अंतर्गत लगभग 46 लोगों की नियुक्ति नगर पालिका का स्वच्छ बनाने हेतु सफाई कर्मचारी की तौर पर की थी। यह कर्मचारी अन्य संवर्ग के होने के कारण कुछ दिन बाद ही विभाग से सांठ गांठ कर अपने मूल पद पर कार्य ना कर सुपरवाइजर, मठ पंप, चालक पंप ऑपरेटर , प्रकाश विभाग तथा कार्यालय में चपरासी, लिपिक सहायक के कार्य पर विगत कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं। पत्र में यह भी कहा है कि नगर पालिका में पूरा जीवन समर्पित करके स्वच्छकार संवर्ग के लोगों का इन बैकलॉग कर्मचारियों द्वारा शोषण किया जा रहा है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। पत्र में 46 सफाई कर्मचारियों से उनके मूल पद पर वापस किए जाने की बात कही थी। परंतु इस पर भी नगर पालिका विभाग सन्नाटा खींच कर बैठा है। सूत्र बताते हैं कि एक बार इन बैकलॉग कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नगर पालिका प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली थी । लेकिन कुछ विरोध के चलते इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था और अब वही बस्ता बाहर निकाल कर फिर से इन कर्मचारियों को नियमित करने का कुचक्र रचा जा रहा है। जिसको लेकर कर्मचारियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है। जिनका कहना है कि इन लोगों की सफाई कर्मचारी के तौर पर नियुक्त की गई है। वह अपनी जाति विशेष के कारण कभी भी झाड़ू लेकर मैदान में नहीं दिखाई दिए। जबकि स्वच्छकार समाज लगातार नगर को स्वच्छ बनाने में लगा हुआ है । तो आखिरकार इन लोगों को ऊंचा वेतन देकर नगर पालिका परिषद अपने स्वच्छ कार्य और सफाई कर्मचारियों के साथ क्यों दोगलापन दिखा रहा है । उनका कहना है की नगर पालिका परिषद रायबरेली में एक ही विभाग में एक ही पद पर तैनात कर्मचारी अब अधिकारी बनकर दूसरे को लूटने में लगा हुआ है।