आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा, आज जिला जज / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा डा० बब्बू सारंग के निर्देशानुसार आज दिनांक 27-09-2024 को दिन 11:30 बजे जनपद कारागार, बांदा का निरीक्षण एवं प्ली बारगेनिंग के सम्बंध में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर की अध्यक्षता श्रीपाल सिंह, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण-बांदा द्वारा की गयी।
श्रीपाल सिंह, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण-बांदा द्वारा जिला कारागार, बांदा में निरुद्ध बन्दियों को प्ली बारगेनिंग के सम्बंध में विधिक जानकारी प्रदान की गयी। सचिव द्वारा बताया गया कि प्ली बारगेनिंग (प्ली बारगेनिंग ) से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जिस पर कम गम्भीर अपराध का आरोप लगाया गया है अथवा किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा अपराध जिसकी सजा 7 वर्ष या उससे कम है या अभियुक्त ने पहली बार अपराध किया है तो, ऐसे में अभियुक्त अपनी गलती स्वीकार कर क्षमायाचना कर सकता है। अभियुक्त वह अपनी सजा कम कराने हेतु न्यायाधीश के समक्ष आवेदन कर सकता है। छोटे अपराधों में पीड़ित और अभियुक्त आपसी सामंजस्य से सौदेबाजी प्ली बारगेनिंग कर सकते है। प्ली-बारगेनिंग का लाभ किसी भी विचाराधीन आरोपी को एक बार ही मिल सकता है। प्ली-बारगेनिंग के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र देने के उपरान्त प्रकरण न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है जिस पर वह आपसी समझौते के आधार पर आरोपी अपनी गलती स्वीकार करता है, यदि शिकायत कर्ता आरोपी को क्षमा करने हेतु तैयार हो जाता है तो प्ली-बारगेनिंग लागू हो जाती है। इसके तहत आरोपी को कम से कम सजा दी जाती है। आजीवन कारावास या महिला और बच्चों के प्रति कारित अपराध में एवं सामाजिक व आर्थिक स्थितियों को प्रभावित करने वाले अपराध में प्ली-बारगेनिंग लागू नही होती। इससे मुकदमेबाजी पर होने वाले खर्च को कम किया जा सकता है। साथ ही विधिक सहायता हेतु नालसा द्वारा संचालित टॉल फी नं0-15100 के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी। शिविर के अन्त में 7 बन्दियों के प्रार्थना पत्रों पर विधिक सहायता उपलब्ध करायी गयी। इसके उपरान्त सचिव द्वारा कारागार का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बन्दियों के टिकट में सम्पूर्ण जानकारियां अंकित किये जाने के सम्बंध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह व उपजेलर निर्भय सिंह, आलोक त्रिवेदी को निर्देशित किया गया। शिविर में इस अवसर पर आलोक सिंह-वरिष्ठ अधीक्षक जेल, उपजेलर आलोक त्रिवेदी, निर्भय सिंह, तथा राशिद अहमद अन्सारी-डी.ई.ओ. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा उपस्थित रहें।