आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्राम पंचायत में विकास कार्य करने के लिए लाखों रुपए का बजट ग्राम पंचायत में भेजती है लेकिन प्रधान और सचिव द्वारा मिलकर सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया जाता है एक ऐसा ही मामला बड़ोखर बुजुर्ग ब्लॉक के ग्राम पंचायत चहितारा में देखने को मिला गांव की ही राहुल ने आरोप लगाकर बताया कि प्रधान व सचिव द्वारा विकास के नाम पर सरकारी धन का बंदर बांट कर लिया है। गांव में विकास के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला किया गया है तथा सरकारी धन का बंदर बांट ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा किया गया है ग्राम चाहितारा में कई रास्तों के नाम पर रुपया निकल गया जहां पर सीसी रोड पूर्व के प्रधान द्वारा बनाई गई थी वहीं पर मरम्मत करा कर रुपया निकल गया है, तालाब की सुंदरीकरण के नाम पर, रास्ता में मिट्टी व मोरम डलवाने के नाम पर, हैंड पंप की मरम्मत वा रीबोर के नाम पर, मनरेगा का पैसा अपने ही आदमियों के नाम पर रुपया निकाल कर बंदर बांट किया गया है जबकि तालाब का सुंदरीकरण हुआ ही नहीं है रास्ता पर कहीं भी मिट्टी व मोरम नहीं डलवाई गई है गौशाला में गाय नहीं रहती जब कभी जांच कराई जाती है तो मात्र एक या दो गाय पकड़ कर बांध दी जाती है और जब कभी गायों का रुपया आता है तो सैकड़ो गाय दिखा दिया जाता है
गांव में कभी भी सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं उनसे आधा वेतन का रुपया ले लेता है और सफाई के नाम पर रुपया निकाल लेता है ग्राम पंचायत में गंदगी व कीचड़ हमेशा बना रहता है प्रार्थी गण प्रधान के विकास कार्यों व प्रधान द्वारा सरकारी जमीन गाटा संख्या 550 पर फर्जी एस्टीमेट बनाकर उसे जमीन पर पिलर बीम डलवाकर कब्जा कर लिया है। जिसकी शिकायत दिनांक 3 सितंबर को जिलाधिकारी बांदा को प्रार्थना पत्र के माध्यम से दिया था जिससे नाराज होकर ग्राम प्रधान ने प्रार्थी गण के विरुद्ध फर्जी थाना कोतवाली देहात में प्रार्थना पत्र दिया था कि प्रार्थी गण रात में गौशाला से जानवरों को छोड़ दिया और शिकायत करने वालो के विरुद्ध फर्जी मुकदमा में फसाने की धमकी भी दे दिया प्रधान का कहना है कि अगर तुम लोगों ने मेरे खिलाफ जांच करना बंद नहीं किया तो मैं तुम्हें किसी गंभीर मुकदमे में फंसा दूंगा मेरे पास रुपए की कमी नहीं है। शिकायत करने के दौरान बद्री प्रसाद दीपक अरुण राहुल बाबूराम सहित आधा दर्जन लोग रहे मौजूद।