शिव शर्मा की रिपोर्ट
छुईखदान — राजा लछमन दास कि नगरी छुईखदान में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाई गई , छुईखदान शहर में रियासत कालीन अति प्राचीन मंदिरों में रानी मंदिर, बाई साहब मंदिर, राज महल परिसर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर, श्री जगन्नाथ मंदिर, श्री राम मंदिर, में जन्माष्टमी पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया l जन्माष्टमी को शाम से ही सभी मंदिरों में भजन-कीर्तन आरंभ हो गया , जो मध्य रात्रि 12 बजे तक जारी रहा।
पूरा नगर भगवान श्री कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा छुईखदान नगर के अधिकांश घरों में भी मध्य रात्रि 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया , एवम आतिश बाजी की गई l रात्रि 2 बजे तक सभी मंदिरों में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ लगी रही l सभी मंदिरों में मंदिर समिति द्वारा रात्रि में ही महाभोग प्रसादी का वितरण किया गया,
सप्ताह भर पूर्व से जन्माष्टमी मनाने की तैयारी प्रारंभ हो जाती है। आठे कन्हैया के दिन सुबह मंदिर परिसर को तोरण पताका , फूलमाला , ध्वज से सजाया गया। दिनभर भजन कीर्तन संध्या उपरांत रात्रि बारह बजे ढोल नगाड़ों , फटाका आतिशबाजी के मध्य , घंटा ध्वनि शंख ध्वनि के साथ भगवान श्री कृष्ण जी जन्मोत्सव मनाया गया।
आरती पश्चात भय प्रकट कृपाला दीन दयाला की सामूहिक स्तुति , राधे राधे भजन जन्मोत्सव गीत संगीत गायन हुआ । भगवान के प्रिय माखन , मिश्री , धनिया पंजीरी , पंचामृत ,फल मिठाई आदि का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया । भक्तजन बालगोपाल श्री कृष्ण को झूला झूलाने अपने बारी का इंतजार किये । छोटे छोटे बच्चों ने भगवान राधा कृष्ण वेशभूषा में बहुत सुंदर मनमोहक झांकियां प्रस्तुति दी ।