संस्कृत विद्या मंडलम का असली सरगना पकड़ से बाहर

राज्य

दीनदयाल साहू की विशेष रिपोर्ट

रायपुर।         छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडलम में पिछले पंद्रह बीस वर्षो से हो रहे हर स्तर के भ्रष्टाचार को खगाला जाएं तो यह से सेवा मुक्त हुए कुछ जिम्मेदार लोग भी यहां फैली भ्रष्टाचार की दाल दल में बुरी तरह फंसे हुए नजर आयेंगे,बस जरूरत है ईमानदारी से पिछले कार्यकाल की जांच करने की ,फिर देखो भ्रष्टाचार कितनी परते खुलती चली जायेंगी।छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडलम में पिछले वर्षो से लगातार संस्कृत बोर्ड की परीक्षाओ के सेंटर निर्माण से लेकर नकल कराने , मेरिटलिस्ट में सर्वोच्च स्थान पाने आदि का खेल बखूबी खेला गया है ।

अभिवादन एक्सप्रेस में खबरे प्रकाशित करके बारंबार शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया गया । माननीय शिक्षा मंत्री की सक्रियता से भ्रष्टाचारियों को दंड मिल पाया है किंतु अभी यहां पर भ्रष्टाचारी तांडव करके सेवामुक्त जिम्मेदारों को भी कटघरे में खड़ा करना जरूरी है क्योंकि वही ही इस भ्रष्टाचार के असली जिम्मेदार और दोषी। विगत बीस वर्षो से यहां प्रवीण्य सूची में गड़बडीया की जाती रही है , इनके असली दोषियों पर कार्यवाही की जाने की आवश्यकता है l
इस संबंध में माननीय मंत्री जी ने संस्कृत विद्यमंडल की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों के संबंध एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन मागा है।

 

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