आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बाँदा – सदियों से डाक्टर बैद्य हकीम को भगवान का दर्जा दिया गया है क्योंकि वह अपनी मेहनत से मारीज का इलाज कर उसे एक नई जिंदगी प्रदान करता है, किंतु जब वही बैद्य, हकीम डाक्टर अपने कर्तव्य से विमुख हो रोगी के साथ अमानवीय व्यवहार करे तो वह भगवान का दर्जा खो शैतान नजर आने लगता है,इसका उदाहरण बना हुआ है जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर प्रदीप गुप्ता जिसने अपनी गरिमा के विपरीत कदम उठाते हुए इंसानियत को शर्मशार किया।
घटना उस समय की है जब सिरियस मरीज को देखने के लिए बार बार कहने पर डॉक्टर भडक गया और जड़ा तीमारदार को तमाचा,
डॉक्टर के तमाचा जड़ते ही मौजूद अस्पताल स्टाफ ने भी तीमारदारों को जमकर पीटा,
अस्पताल स्टाफ ने महिला तीमारदारों को भी बनाया अपने तांडव का शिकार,
सीरियस मरीज को भर्ती कराने के लिए परेशान थे परिजन बार बार डॉक्टर से गुहार लगाना पड़ा महंगा बदले में मिले लात घूंसे,
ट्रामा सेंटर में तैनात डॉक्टर प्रदीप गुप्ता की दबंगई का वीडियो आया सामने,
मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्यवाही का भरोसा दिलाकर मामले को कराया शांत मरीज को कराया भर्ती,
सीएमओ बाँदा का रटा रटाया बयान जांच के बाद दोषी पर होगी कार्यवाही,
जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर का मामला। अब सवाल उठता है आखिर जिला अस्पताल में कबतक मरीजों तीमारदारों के साथ ऐसी घटना घटित होती रहेगी और जांच के नाम पर लीपापोती कब और कौन करेगा इन पर कार्रवाई यह यक्ष प्रश्न❓ है जिसका जवाब तालाश रहें हैं।