युक्तियुक्तकरण की सकारात्मक पहल से शिक्षकों की कमी हुई दूर

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सनत कुमार बुधौलिया इंदल प्रसाद खटीक दीनदयाल साहू

रायपुर, l          जिले के डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कुदारी दल्ली के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला तथा डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम जुन्नापानी के शासकीय प्राथमिक स्कूल में विगत 02 सालों से शिक्षकांे एवं विषयवार शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था। पिछले कुछ वर्षों से ग्रामीण एवं शाला प्रबंधन समिति के सदस्य शिक्षकांे की लगातार मांग कर रहे थे। स्कूलों में शिक्षकों की कमी से बच्चों को पढ़ाई में कई समस्याएं आ रही थी। यह न केवल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ था, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा था। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल ने इस स्कूल में बेहतर शिक्षा हेतु एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। हाल ही में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कुदारी दल्ली के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में गणित विषय के लिए शिक्षक श्री रामकुमार भुआर्य तथा कला विषय अंतर्गत शिक्षक श्री लोमेश कुमार की नियुक्ति की गई है। इसी तरह डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम जुन्नापानी के शासकीय प्राथमिक स्कूल में प्रधान पाठक के रूप में श्रीमती अंजली कुरेटी तथा सहायक शिक्षक श्री शिव कुमार नागवंशी की नियुक्ति की गई है। इस तरह से सुदूर वनाचंल के ग्राम कुदारी दल्ली एवं जुन्नापानी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति से विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं पालकों में हर्ष व्याप्त है। गांव के स्कूलों में शिक्षकों की सौगता मिलने से नवनिहालों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर पूरी तरह से आशान्वित नजर आ रहे हैं।

इन स्कूलों में नए शिक्षकों की पदस्थापना होने से ग्राम कुदारी दल्ली के सरपंच श्रीमती रिस्की बुग्गा, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री जान सिंह साहू तथा ग्राम जुन्नापानी के सरपंच श्रीमती श्वेता पोर्ते एवं शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री चोवाराम साहू एवं ग्रामीणों ने मांग पूरी होने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति विनम्र आभार व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से स्कूल में पढ़ाई के स्तर में सुधार होगा, छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा कराया है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की कमी और संसाधनों के असमान वितरण की समस्या को दूर करना है। इस बदलाव से यहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पालक, ग्राम पंचायत के पदाधिकारी सहित स्कूल की जनभागिदारी समिति के सदस्य बेहद उत्साहित हैं। इस तरह यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति जागरूकता और विश्वास को भी मजबूत करेगी। ग्रामीणों और स्कूल समिति के सदस्यों का उत्साह इस बात का प्रमाण है कि शासन की यह पहल जनता के हित में है।

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