सनत कुमार बुधौलिया अनुज दीक्षित राजेंद्र पांचाल
उरई । जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही “निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना” के अंतर्गत श्रमिकों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को सुरक्षा और आर्थिक सहयोग देना है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दुर्घटना, मृत्यु या अपंगता की स्थिति में निम्नलिखित सहायता राशि प्रदान की जाती है जैसे- दुर्घटना के कारण मृत्यु में यदि किसी पंजीकृत निर्माण श्रमिक की दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹5,00,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सामान्य मृत्यु में सामान्य परिस्थितियों में मृत्यु होने पर श्रमिक के परिवार को ₹2,00,000 की सहायता राशि दी जाएगी। स्थायी अपंगता में यदि श्रमिक स्थायी रूप से अपंग हो जाता है, तो उसे ₹4,00,000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। अंत्येष्टि सहायता में मृत्यु के बाद अंत्येष्टि के लिए ₹25,000 की अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अगर निर्माण श्रमिक पंजीकृत नहीं है और कार्यस्थल पर उसकी मृत्यु हो जाती है, तो भी उसके परिवार को ₹1,00,000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह योजना श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित और आर्थिक रूप से स्थिर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्रमिकों से अनुरोध है कि वे योजना का लाभ उठाने के लिए अपने पंजीकरण सुनिश्चित करें। पंजीकरण के लिए श्रमिक श्रम कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।सरकार की यह पहल न केवल श्रमिकों के हितों की रक्षा करती है।